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सौतेली मां और जादुई तीन फ्रॉक
बिहार के एक छोटे से गांव में
पुष्पा अपने माता पिता के साथ रहती थी
पुष्पा की मां सुशीला अक्सर बीमार रहा करती थी
एक बार की बात है
सुशीला अपने पति को
बोलती है सुनो जी मुझे लगता है
मेरा अंतिम समय नजदीक आ गया है
मेरे मरने के बाद
पुष्पा का अच्छे से ध्यान रखना
और फिर कुछ ही दिनों बाद
सुशीला की मृत्यु हो जाती है
पुष्पा के पिता मुकेश काम के
सिलसिले में अक्सर गांव के बाहर रहा करते थे
जिस वजह से वह पुष्पा का
सही से देखभाल नहीं कर पाते थे
फिर वह सुलेखा नाम की
लड़की से शादी कर लेता है
सुलेखा की पहले से ही
एक बेटी होती है
जिसकी नाम मोनिका थी
जब शादी करके मुकेश
घर आ जाते हैं
तो अपनी पत्नी से बोलता है
सुलेखा यह मेरी बेटी पुष्पा है
मैंने तुमसे शादी सिर्फ
इसीलिए की है
कि तुम इसका अच्छे से
ध्यान रखना फिर
उसकी पत्नी बोलती है
आप चिंता ना करो जी
मैं पुष्पा को अपनी बेटी
की तरह ही प्यार करूंगी
फिर उसके पति बोलते हैं
मुझे तुमसे यही उम्मीद थी
सुलेखा मुकेश के सामने
पुष्पा को तो प्यार करती है
लेकिन मुकेश के जाने के बाद
पुष्पा पर खूब अत्याचार करती है
सुलेखा पुष्पा से घर का सारा काम
करवाती है और बदले में
उसे रुखा सुखा खाना देती है
एक दिन की बात है जब पुष्पा
सो रही थी तो उसकी सौतेली
मा काम करवाने के लिए
उसको ढूंढ रही थी
अपनी बेटी मोनिका से पूछती है
बेटी पुष्पा को देखा है क्या
फिर मोनिका बोलती है
वह तो अपने रूम में सो रही है
सुलेखा उसके रूम में जाकर बोलती है
अच्छा महारानी अभी तक सो रही है
घर का काम क्या तुम्हारे
मरी हुई मां करेगी
फिर पुस्पा बोलती है
मां आज मेरी तबीयत खराब है
मुझे बुखार है और मेरे
सर में बहुत दर्द है
फिर सुलेखा बोलती है
घर का काम ना करना पड़े
इसीलिए तुम नाटक कर रही है
लेकिन हां कान खोल कर सुन लो
हम तेरे नौकर नहीं है
जो यहां काम करेंगे
मैंने तेरे बाप से तेरी सेवा
करने के लिए शादी नहीं की है
वह तो बस दौलत पाने के लिए
शादी की है
चल अब उठ कर घर
का सारा काम कर
और खाना बना
फिर पुस्पा बोलती है
ठीक है मां
फिर पुष्पा किसी तरह उठकर
घर का सारा काम करती है
जब काम किया हुआ हो जाता है
तो अपने मां से बोलती है
माँ मैंने सारा काम कर लिया है
मां मुझे बहुत ठंड लग रही है
और यह मेरा फ्रॉक तो
कपड़े धोने में गीला हो गया
मुझे दूसरा फ्रॉक दे दो
फिर उसकी मां बोलती है
कोई फ्रॉक नहीं मिलेगा
तेरा बाप कमाकर
सारे पैसे मुझे नहीं देता
तुझे मैं फ्रॉक दिलाऊ समझी
फिर पुष्पा बोलती है
मां मोनिका का कोई पुराना
ही फ्रॉक दे दो उनके पास तो
बहुत सारे फ्रॉक है
मुझे बहुत ठंड लग रही है
फिर उसकी बेटी मोनिका बोलती है
वाह देखोना माँ कितना
मेरे फ्रॉक पर नजर रखती है
मेरा सारे फ्रॉक ब्रांडेड है
और महंगे है मैं इस भिखारी को
अपना कपड़े नहीं दूंगी
फिर पुष्पा उसी गीले कपड़े में
अपने रूम में जाकर
नीचे सो जाती है
तभी सुलेखा वहां आती है
और उसका हाथ छूती है
और बोलती है
हे भगवान इस मनहूस को तो
सच में बुखार है
कहीं मर मारा गई तो
मेरी जान को आफत आ जाएगी
कुछ तो करना पड़ेगा
कमीनी उठ जल्दी
फिर पुष्पा बोलती है
बोलिए मां
फिर उसकी मां बोलती है
चुप कर कमीनी मैं तेरी मां नहीं हूं
सिर्फ मोनिका की मां हूं
उठ और एक चिट्ठी लिख
कि मेरे पापा बहुत गंदे हैं
वह मुझसे बिल्कुल भी प्यार नहीं करते हैं
उन्होंने मेरी मां को मार डाला
और मुझे भी मार डालना चाहते हैं
इसलिए मैं हमेशा हमेशा के लिए
इस घर को छोड़कर जा रही हूं
चल अब साइन कर
और पुष्पा रोने लगती है
फिर उनकी मां बोलती है
कि गलती से इस घर में दोबारा
नजर नहीं आना नहीं तो सच में
मार डालूंगी तुझे
फिर पुस्पा बोलती है
ऐसा मत करो मां
मैं कहां जाऊंगी
आप लोगों के सिवा
आखिर कौन है मेरा
इस दुनिया
में प्लीज मां मुझे घर से मत निकालो
सुलेखा पुष्पा की नहीं सुनती है
और उसे धक्के मार कर घर से बाहर निकाल देती है
पुष्पा रोते-रोते एक सड़क के
किनारे बैठ जाती है
तभी उसे एक भीखारन मिलती है
और बोलती है बेटी तुम क्यों रो रही हो
क्या हुआ
फिर पुष्पा बोलती है
अम्मा क्या बताऊं मैं
दो दिनों से कुछ नहीं खाई हूं
मुझे बहुत भूख लगी है
और मेरे घरवाले ने मुझे
घर से निकाल दिया मैं
क्या करूं कहां जाऊं
काश मेरी मां जिंदा होती तो
आज के दिन नहीं देखना पड़ता
फिर भीखारन बोलती है
बेटा नहीं रोते जिसका कोई नहीं होता
उसका ऊपर वाला होता है
मेरे साथ चलो
और फिर पुष्पा भीखारन के साथ चली जाती है
वह भीखारन पुष्पा को रुखा सुखा
खाना खाने को देती है
फिर अपने साथ भीख मांगने के लिए
ले जाती है
एक बूढ़े व्यक्ति से बोलती है
कि मुझे कुछ भगवान के नाम पर दे दो
मैं दो दिनों से भूखा हूं
तभी वहां पर पुष्पा के पापा आ जाते हैं
और बोलते हैं
अरे पुष्पा बेटी तुम यहां
क्या कर रही हो
और ये क्या तुम भीख क्यों मांग रही हो
फिर भीखारन बोलती है
मैं बताती हूं
आप जैसे बड़े लोगों के घर मैं
ऐसा ही होता है
इतना अत्याचार तो कोई
किसी दुश्मन पर भी नहीं करता है
जितना इसके सौतेली मां ने
इस पर किया है
फिर पुष्पा अपने पिता को सारी बात बता देते हैं
मुकेश गुस्से से आगबबूला हो जाता है
फिर भीखारन बोलती है
गुस्से से नहीं
अकल से काम लीजिए
फिर मुकेश बोलता है
कि मैं कितना खुश होकर
घर जा रहा था
मैं सबके लिए शहर से
तीन फ्रॉक लेकर आया था
लेकिन अब उन दोनों
मां बेटी को नहीं छोडूंगा
फिर भीखारन बोलती है
सजा देने से अच्छा
उनको उनके गलती का
एहसास दिलाओ
ताकि वह जीवन में ऐसी गलती
किसी के साथ दोबारा ना करें
फिर मुकेश बोलता है
मैं कैसे उनको एहसास दिलाऊ
फिर भीखारन मुकेश को समझाती है
मुकेश घर आकर सुलेखा से पूछता है
सुलेखा मेरी बेटी पुष्पा कहां है
जी आप बाहर से आए हैं
आप थक गए होंगे
बैठ जाइए
मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूं
फिर मुकेश बोलता है
मैंने पूछा पुष्पा कहां है
उसका पहले जवाब दो
और फिर सुलेखा उस
चिट्ठी को मुकेश को दे देती है
फिर मुकेश चिट्ठी पढ़ते हुए बोलता है
पुष्पा घर छोड़कर चली गई
मै ये मान नहीं सकता
अगर तुम लोग सही बोल रही हो
और तुमने मेरी बेटी के साथ कोई
अत्याचार नहीं किया है तो
यह फ्रॉक पहन कर दिखाओ
यह एक जादुई फ्रॉक है
अगर तुम लोग सच्चे हो तो
तुम्हें कुछ नहीं होगा
और अगर झूठ बोल रही हो तो
तुम इस फ्रॉक को पहनते ही
जलकर भस्म हो जाओगी
अब चलो यह फ्रॉक पहनो
इतना सुनते ही
सुलेखा और मोनिका दोनों रोने लगती है
फिर सुलेखा बोलती है
मुझे माफ कीजिए मैंने पुष्पा के
साथ बहुत गलत किया
प्लीज मुझे माफ कर दीजिए
मेरे मन में लालच आ गया था
मैं आपके पैर पड़ती हूं
आप प्लीज पुष्पा को ढूंढ कर ला दीजिए
और मैं अब से उस पर कोई
अत्याचार नहीं करूंगी
मैं कसम खाती हूं
और उसे मोनिका की तरह ही
प्यार करूंगी
बस मुझे एक मौका दे दीजिए
तभी मुकेश पुष्पा को आवाज लगाता है
पुष्पा यहां आओ
तभी पुष्पा आती है
और अपने पिता से कहती है
पिताजी प्लीज इन्हें माफ कर दीजिए
यह हमारे अपने हैं
फिर उनके पिता बोलते हैं
देखो तुम लोगों को शर्म आना चाहिए
तुमने इसके साथ इतना बुरा किया
फिर भी तुम लोगों के बारे में
अच्छा सोच रही है
फिर सुलेखा बोलती है
मुझे माफ कर दो बेटी
भगवान के लिए
मुझे माफ कर दो
और फिर मुकेश अपनी बेटी के
कहने पर सुलेखा को माफ कर देता है
सुलेखा अब मोनिका की तरह ही
पुष्पा को भी प्यार करने लगती है
और सभी खुशी-खुशी रहने लगती है
तो मेरे प्यारे दोस्तों कैसी लगी यह मेरी कहानी
मुझे कमेंट करके कमेंट सेक्शन में
जरूर चाहिए गा
और यदि कहानी अच्छी लगी हो तो
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